Loading...

Loading

Loading
(You are in the browser Reader mode)

अध्याय 59 - नकली विज्ञान शैतान का आधुनिक उज्वल वस्त्र

नकली विज्ञान वह साधन है जिस का शैतान ने स्वर्गीय दरबार में प्रयोग किया था और आज भी काम में लाता है.जो झूठे दावे उसने दूतों के सामने किये तथा उसके धूर्त वैज्ञानिक सिद्धांतों ने उन में से बहुतों को स्वामिभक्ति से भटका दिया. ककेप 328.1

स्वर्ग में अपने पद को खोकर शैतान ने अपने प्रलोभन हमारे प्रथम माता-पिता के सामने उपस्थित किए.आदम और हवा ने शत्रु की अधीनता स्वीकार की और उनकी अवज्ञा से मानव जाति परमेश्वर से दूर हो गई और पृथ्वी स्वर्ग से जुदा हो गई. ककेप 328.2

यदि आदम और हवा उस निषिद्ध वृक्ष को कभी न छूते तो परमेश्वर उनको ऐसा ज्ञान देता जिस पर पाप के शाप की छाप न होती,ऐसा ज्ञान जिससे उनको अनन्त आनन्द प्राप्त होता.उनको आज्ञाउल्लंघन, पाप और उसके परिणाम से परिचय हुआ यही उन्होंने प्राप्त किया. ककेप 328.3

जिस क्षेत्र की ओर शैतान ने हमारे प्रथम माता-पिता की अगुवाई की आज भी वह मनुष्यों को उसी क्षेत्र में ले जा रहा है,वह संसार को मनोहर किस्से कहानियों से भर रहा है.उसके अधिकार के अन्दर हर युक्ति द्वारा वह लोगों को परमेश्वर के उस ज्ञान को प्राप्त करने से जिसे त्राण कहते हैं रोकने की कोशिश में रहता है. ककेप 328.4